
हर दिन सुबह पुष्प समर्पण के बाद, पूज्य स्वामीजी एकत्रित साधकों के लिए मार्गदर्शन के कुछ शब्द बोलते हैं। इसे 'प्रभात रश्मिः' (सुबह की किरणें) के नाम से जाना जाता है। ये साधना के गहन शब्द, साधकों के मन को रोशन करते हैं और श्रोताओं में ध्यान की मनोदशा पैदा करते हैं और उन्हें आत्मा का स्पर्श देते हैं।
प्रभात रश्मिः पूज्य स्वामीजी का एक सीधा संदेश है जो साधकों को जीवन एवं आध्यात्मिक खोज की उनकी भ्रमित समझ से ज्ञान और दिव्यता के स्पष्ट क्षितिज तक मार्गदर्शन करता है।
यह प्रभात रश्मिः संदेश, दिल्ली में, 48वें ज्ञान यज्ञ के दौरान दिया गया था।
Prabhata Rashmih, early morning message by Poojya Swamiji during 48th Delhi Jnana Yahna on 24th March 2024.
#आध्यात्मिक साधना # दीक्षा #ध्यान #ब्रह्मविद्या #ब्रह्मविद्या दीक्षा #साधना # तत्त्व विचार #निश्चल भक्ति #मुकुन्दमाला #आध्यात्मिक लक्ष्य #भक्ति #साधना




Guru-Bhakti For Spiritual Growth
Swami Bhoomananda Tirtha
The Inferior and Superior Knowledge
Swami Bhoomananda Tirtha
The State of jivanmuktih
Swami Bhoomananda Tirtha
Introspection to get over Worldliness
Swami Bhoomananda Tirtha
The Message of Valmiki Ramayana
Swami Bhoomananda Tirtha
Sankhya Yoga to reduce Delusional Clinging
Swami Bhoomananda Tirtha